विशेष रिपोर्ट, बंगाल जॉब स्टडी: नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल और लगातार बढ़ते आंदोलन के बीच आखिरकार नया अंतरिम नेतृत्व सामने आ गया है। पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने शुक्रवार (12 सितंबर, 2025) को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस बड़े राजनीतिक घटनाक्रम पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई, जिसमें उन्होंने नेपाल की प्रगति और समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता जताई।
नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की
नेपाल की राजनीति में लंबे समय से जारी संकट ने केपी शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर कर दिया। सोशल मीडिया बैन के ख़िलाफ़ GenZ आंदोलन तेज़ हुआ और हिंसा फैलने लगी। इस बीच राजनीतिक अस्थिरता खत्म करने के लिए 73 वर्षीय सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की बागडोर सौंपी गई।
शपथ ग्रहण के बाद से ही नेपाल और भारत के बीच रिश्तों पर नए आयाम जुड़ने की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि कार्की को भारत समर्थक नेता माना जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बयान
नेपाल में नई अंतरिम सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बधाई संदेश दिया। उन्होंने लिखा, “नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने पर माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक शुभकामनाएं। नेपाल के भाई-बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
पीएम मोदी ने नेपाली भाषा में भी शुभकामना संदेश देकर दोनों देशों के रिश्तों की गहराई को और मजबूत करने का संकेत दिया।
GenZ आंदोलन और सुशीला कार्की का चयन
नेपाल में GenZ प्रदर्शनकारियों ने ही सुशीला कार्की का नाम प्रस्तावित किया था। आंदोलनकारियों की मांग पर सेना और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के बीच लंबी चर्चा हुई। संविधान में पूर्व जस्टिस को राजनीतिक पद देने की अनुमति नहीं है, लेकिन युवाओं की मांग और लगातार बढ़ते दबाव के आगे राष्ट्रपति को झुकना पड़ा और आखिरकार सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री की कुर्सी सौंप दी गई।
सुशीला कार्की ने मानीं GenZ प्रदर्शनकारियों की प्रमुख माँगें
- अगले 6 से 12 महीनों के भीतर चुनाव कराने का आश्वासन।
- नेपाल की संसद को भंग कर अंतरिम सरकार का गठन।
- नागरिक और सेना दोनों के प्रतिनिधित्व वाली सरकार।
- पुराने दल और नेताओं की संपत्ति की जांच के लिए शक्तिशाली न्यायिक आयोग का गठन।
- आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच।
नेपाल की राजनीति और भारत-चीन संतुलन
विशेषज्ञों का मानना है कि सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना नेपाल की विदेश नीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। जहां पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली चीन के करीब माने जाते थे, वहीं कार्की भारत समर्थक मानी जाती हैं। यही कारण है कि उनके नेतृत्व में भारत-नेपाल संबंध और अधिक मज़बूत होने की उम्मीद है।
तालिका: नेपाल की हाल की राजनीतिक घटनाओं की झलक
तारीख | घटना | विवरण |
---|---|---|
8 सितंबर 2025 | GenZ आंदोलन शुरू | सोशल मीडिया बैन के ख़िलाफ़ युवाओं का विरोध प्रदर्शन |
10 सितंबर 2025 | हिंसा तेज़ | कई इलाकों में झड़पें और तोड़फोड़ |
11 सितंबर 2025 | ओली का इस्तीफ़ा | प्रधानमंत्री पद से केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफ़ा |
12 सितंबर 2025 | सुशीला कार्की शपथ | नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं |
आगे का रास्ता
नेपाल में अंतरिम सरकार का गठन भले ही संकट का तात्कालिक समाधान हो, लेकिन असली चुनौती आने वाले महीनों में होगी। सुशीला कार्की को न सिर्फ़ राजनीतिक अस्थिरता खत्म करनी होगी, बल्कि जनता के भरोसे को भी कायम रखना होगा। चुनाव कराने और न्यायिक जांच आयोग की मांग पूरी करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। ऐसे में नेपाल की राजनीति आने वाले महीनों में किस दिशा में जाएगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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