जमशेदपुर दुर्गापूजा 2025: शहर के पंडाल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भक्तों की भीड़

जमशेदपुर दुर्गापूजा पूरे शहर को उत्सवमय बना रहा है। पंडाल और सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर आपका उत्साह भी बढ़ जाएगा।

जमशेदपुर दुर्गापूजा 2025: पंडाल और भक्तों की भीड़
Ujjwal Dey

Published By Ujjwal Dey

Updated on: सितम्बर 18, 2025

विशेष रिपोर्ट, बंगाल जॉब स्टडी: जमशेदपुर में दुर्गा पूजा का रंग देखते ही बन रहा है। शहर की सड़कों से लेकर मोहल्लों तक हर जगह उत्सव की चमक दिखाई दे रही है। लोग नए कपड़े पहनकर सजधज कर पंडालों की ओर निकल रहे हैं। फोकस किवर्ड जमशेदपुर दुर्गा पूजा की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है। पूरे शहर में देवी दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं और आकर्षक सजावट से माहौल भक्तिमय बन गया है।

जमशेदपुर दुर्गा पूजा में उमड़ा अपार जनसैलाब

जमशेदपुर दुर्गा पूजा के दौरान शाम होते ही हर इलाके के पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत के साथ लोगों का उत्साह और भी बढ़ गया। करीब 350 से अधिक पंडालों की भव्य सजावट देखने हजारों लोग पहुंचे। हर चेहरे पर खुशी झलक रही थी और पूरा शहर मानो किसी मेले में बदल गया।

भव्य प्रतिमाओं और रंगीन पंडालों की शोभा

जमशेदपुर दुर्गा पूजा की सबसे बड़ी खूबी है यहां की कलात्मक प्रतिमाएं। बारीक नक्काशी और भव्य रूप वाली माता दुर्गा की मूर्तियां भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। कलाकारों ने अपनी कला से हर पंडाल को खास बना दिया है। गोलमुरी के सर्कस मैदान, बारिडीह और बिस्टुपुर जैसे इलाकों में पंडाल देखने वालों की भीड़ लगी रही।

धुन में बंधा पूरा शहर

ढाक की ताल, शंख की ध्वनि और आरती के स्वर से जमशेदपुर दुर्गा पूजा का वातावरण और पवित्र हो गया। छोटे-बड़े सभी लोग अपने-अपने ढंग से इस पर्व का आनंद उठा रहे हैं। बागबेड़ा रोड, बारीडीह और बर्मामाइंस के पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने माहौल को और जीवंत बना दिया।

रावण दहन की तैयारी ने बढ़ाई रौनक

जमशेदपुर दुर्गा पूजा की खास पहचान रावण दहन भी है। इस बार सोनारी के राम मंदिर मैदान में 50 फुट ऊँचे रावण का दहन होगा। 1958 से चली आ रही इस परंपरा को देखने हर साल हजारों लोग पहुंचते हैं। इस बार भी लगभग 50,000 दर्शकों के आने का अनुमान है। करीब 40,000 रुपये की आतिशबाजी से पूरा आसमान जगमगाने वाला है।

प्रवासी युवाओं की वापसी से बढ़ी रौनक

जमशेदपुर दुर्गा पूजा का आकर्षण केवल पूजा-पंडाल तक सीमित नहीं है। यह त्योहार कई युवाओं के लिए घर लौटने का भी मौका होता है। महानगरों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी इस अवसर पर अपने शहर लौट आते हैं। मुंबई से पढ़ाई कर रहे छात्र सुधांशु कुमार बताते हैं कि यह समय पुराने दोस्तों से मिलने और यादें ताज़ा करने का होता है।

सुरक्षा और नवाचार पर भी जोर

जमशेदपुर दुर्गा पूजा समितियां सुरक्षा का पूरा ख्याल रख रही हैं। पटाखों को ऊँचाई पर लगाया जाता है ताकि कोई दुर्घटना न हो। वहीं, आकर्षित करने के लिए इस बार कई समितियों ने नाटकों, संगीत कार्यक्रमों और स्किट्स का आयोजन किया है। कदमा की उत्कल दुर्गा पूजा समिति इस मामले में सबसे आगे नजर आई।

जमशेदपुर दुर्गा पूजा से जुड़े प्रमुख स्थल (सूची)

  • एग्रीको
  • बागबेड़ा रोड नं. 4
  • बारीडीह
  • बर्मामाइंस दुर्गा पूजा समिति
  • सर्कस मैदान गोलमुरी
  • धोलकपुर बारीडीह
  • घासी क्लब बिस्टुपुर
  • गोलपहाड़ी
  • जयराम यूथ स्पोर्टिंग क्लब, आदित्यपुर
  • आमबगान मैदान, साकची
  • मणिमेला ग्राउंड, कांट्रैक्टर्स एरिया, बिस्टुपुर
  • साकची बाजार पूजा समिति
  • सिदगोड़ा घड्डा मैदान
  • ठाकुर प्यारा सिंह-धुरंधर सिंह, कासीदीह
  • उत्कल दुर्गा पूजा समिति, कदमा
  • सर्किट हाउस एरिया पूजा समिति

जमशेदपुर दुर्गा पूजा पंडालों की झलक (तालिका)

पंडाल का नामखासियतअनुमानित भीड़
एग्रीकोभव्य सजावट10,000+
गोलमुरी सर्कस मैदानसांस्कृतिक कार्यक्रम15,000+
सोनारी राम मंदिररावण दहन (50 फीट)50,000+
बारीडीहपारंपरिक मूर्तियां8,000+
बिस्टुपुर मणिमेला ग्राउंडआतिशबाजी शो12,000+
कदमा उत्कल समितिनवाचार व नाटक20,000+

इस तरह जमशेदपुर दुर्गा पूजा का रंग पूरे शहर को जोड़ता है। हर गली, हर चौक और हर मैदान से यही संदेश निकल रहा है कि यह पर्व केवल पूजा का नहीं बल्कि एकता, उत्साह और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

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